Bhagat Singh Quiz in Hindi: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में शहीद भगत सिंह का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। मात्र 23 वर्ष की आयु में देश के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमने वाले इस महान क्रांतिकारी के बारे में जानना हर भारतीय का कर्तव्य है। आज के युग में जब युवा पीढ़ी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटी है, तब भगत सिंह से जुड़े प्रश्न अक्सर SSC, UPSC, रेलवे और अन्य सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं में पूछे जाते रहते हैं।
इस लेख में हमने भगत सिंह पर आधारित 20 अत्यंत महत्वपूर्ण सामान्य ज्ञान के प्रश्न तैयार किए हैं। ये प्रश्न न केवल आपकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे, बल्कि इस महान शहीद के जीवन और संघर्ष को समझने में भी मदद करेंगे। हर प्रश्न के साथ विस्तृत व्याख्या दी गई है जो आपकी समझ को और भी गहरा बनाएगी।
भगत सिंह का जीवन प्रेरणा से भरपूर है। वे केवल एक क्रांतिकारी नहीं थे, बल्कि एक महान चिंतक, लेखक और समाजसुधारक भी थे। उनकी विचारधारा आज भी युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करती है। आइए इस प्रश्नोत्तरी के माध्यम से उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उपलब्धियों को जानते हैं।
Bhagat Singh Quiz in Hindi – शहीद भगत सिंह क्विज
1. भगत सिंह का जन्म कब हुआ था?
Explanation: भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले (अब पाकिस्तान में फैसलाबाद) के बंगा गांव में हुआ था। उनके पिता किशन सिंह और माता विद्यावती एक देशभक्त परिवार से थे। यह तिथि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन एक महान क्रांतिकारी का जन्म हुआ।
2. भगत सिंह ने किस घटना के बाद केंद्रीय असेंबली में बम फेंका था?
Explanation: भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय विधान सभा में पब्लिक सेफ्टी बिल और ट्रेड डिस्प्यूट बिल के विरोध में बम फेंका था। इन बिलों का उद्देश्य मजदूरों के अधिकारों को कम करना था। उन्होंने जानबूझकर किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और स्वयं गिरफ्तारी दी।
3. “इंकलाब जिंदाबाद” का नारा सबसे पहले किसने दिया?
Explanation: “इंकलाब जिंदाबाद” का नारा मौलाना हसरत मोहानी ने दिया था, लेकिन भगत सिंह ने इसे प्रसिद्ध बनाया। यह नारा क्रांति की भावना को दर्शाता है। भगत सिंह ने इस नारे को अदालत में भी लगाया था और यह उनकी पहचान बन गया। आज भी यह नारा भारतीय युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाता है।
4. भगत सिंह किस क्रांतिकारी संगठन के सदस्य थे?
Explanation: भगत सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के प्रमुख सदस्य थे। इस संगठन की स्थापना 1928 में हुई थी और इसका उद्देश्य समाजवादी सिद्धांतों के आधार पर भारत की आजादी थी। चंद्रशेखर आजाद इसके मुख्य नेता थे और भगत सिंह इसके सबसे सक्रिय कार्यकर्ता। [Source: Britannica.com]
5. भगत सिंह को फांसी कब दी गई?
Explanation: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 की शाम को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी। इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हें सांडर्स हत्या केस में मृत्युदंड दिया गया था। फांसी से पहले वे हंसते-गाते गए थे और “इंकलाब जिंदाबाद” के नारे लगाते रहे थे।
6. भगत सिंह ने किस पुलिस अधिकारी की हत्या में भाग लिया था?
Explanation: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में पुलिस अधिकारी जॉन सांडर्स की हत्या की थी। यह लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला था। दरअसल उनका निशाना जेम्स स्कॉट था लेकिन गलती से सांडर्स मारा गया। इस घटना के बाद तीनों क्रांतिकारी भूमिगत हो गए थे।
7. भगत सिंह की प्रसिद्ध पुस्तक कौन सी है?
Explanation: “मैं नास्तिक क्यों हूं” भगत सिंह द्वारा जेल में लिखा गया एक प्रसिद्ध लेख है। इसमें उन्होंने धर्म और ईश्वर के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं। यह लेख उनकी तार्किक और वैज्ञानिक सोच को दर्शाता है। इस लेख में उन्होंने बताया कि वे क्यों धर्म में विश्वास नहीं करते और तर्क को प्राथमिकता देते हैं।
8. भगत सिंह के साथ केंद्रीय असेंबली में बम फेंकने वाले व्यक्ति का नाम क्या था?
Explanation: बटुकेश्वर दत्त भगत सिंह के साथी थे जिन्होंने 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय विधान सभा में बम फेंका था। दोनों ने मिलकर यह योजना बनाई थी। बटुकेश्वर दत्त का जन्म बंगाल में हुआ था और वे भी HSRA के सदस्य थे। दोनों ने बम फेंकने के बाद खुद को गिरफ्तार कराया था। [Source: testbook.com]
9. भगत सिंह के पिता का नाम क्या था?
Explanation: भगत सिंह के पिता का नाम किशन सिंह था। वे भी एक देशभक्त थे और गदर पार्टी से जुड़े हुए थे। किशन सिंह ने अपने बेटे के क्रांतिकारी विचारों को प्रोत्साहित किया था। पूरा परिवार स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय था। भगत सिंह के दादा अर्जन सिंह भी एक स्वतंत्रता सेनानी थे और ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध लड़े थे।
10. भगत सिंह की माता का नाम क्या था?
Explanation: भगत सिंह की माता का नाम विद्यावती था। वे एक धार्मिक और साहसी महिला थीं जिन्होंने अपने बेटे के आदर्शों का समर्थन किया। विद्यावती ने भगत सिंह को देशभक्ति की शिक्षा दी और उनके क्रांतिकारी कार्यों में नैतिक सहारा प्रदान किया। जब भगत सिंह को फांसी हुई तो उन्होंने धैर्य से इस दुख को सहन किया और गर्व महसूस किया।
11. भगत सिंह की मृत्यु के समय उनकी आयु कितनी थी?
Explanation: भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को हुआ था और उन्हें 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी। उस समय उनकी आयु मात्र 23 वर्ष 5 महीने और 23 दिन थी। इतनी कम उम्र में देश के लिए जीवन न्योछावर करने वाले भगत सिंह आज भी युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं।
12. भगत सिंह ने जेल में कितने दिन भूख हड़ताल की थी?
Explanation: भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने जेल में राजनीतिक बंदियों के साथ बेहतर व्यवहार की मांग को लेकर 116 दिन तक भूख हड़ताल की थी। यह हड़ताल 1929 में शुरू हुई थी। इस दौरान उनका वजन काफी कम हो गया था लेकिन वे अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे।
13. भगत सिंह किस छद्म नाम से जाने जाते थे?
Explanation: भगत सिंह अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के दौरान “रणजीत सिंह” के छद्म नाम का उपयोग करते थे। पुलिस से बचने के लिए वे अक्सर अलग-अलग भेष बदलते रहते थे। कभी वे सिख के रूप में दिखते तो कभी दाढ़ी-मूंछ कटवा कर हिंदू युवक के रूप में नजर आते थे।
14. भगत सिंह किस क्रांतिकारी को अपना गुरु और आदर्श मानते थे?
Explanation: भगत सिंह, गदर पार्टी के युवा क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा को अपना गुरु और आदर्श मानते थे। सराभा को मात्र 19 साल की उम्र में फांसी दे दी गई थी। भगत सिंह हमेशा उनकी तस्वीर अपनी जेब में रखते थे और उनसे बहुत प्रेरित थे।
15. भगत सिंह द्वारा स्थापित “नौजवान भारत सभा” की स्थापना कब हुई?
Explanation: भगत सिंह ने अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर “नौजवान भारत सभा” की स्थापना मार्च 1926 में लाहौर में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी विचारों का प्रचार करके उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता के संघर्ष के लिए तैयार करना था।
16. भगत सिंह पर मुकदमा किस नाम से चला?
Explanation: भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु पर “लाहौर षड्यंत्र केस” के नाम से मुकदमा चला था। यह केस सांडर्स की हत्या और अन्य क्रांतिकारी गतिविधियों से संबंधित था। इस मुकदमे में उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। यह केस भारतीय न्यायालय के इतिहास में बहुत प्रसिद्ध है।
17. फांसी पर जाने से ठीक पहले भगत सिंह कौन सी पुस्तक पढ़ रहे थे?
Explanation: यह व्यापक रूप से दर्ज है कि जब जेलर उन्हें फांसी के लिए लेने आया, तो भगत सिंह लेनिन के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘रेमिनिसेंसेस ऑफ लेनिन’ पढ़ रहे थे। उन्होंने कहा था, “ठहरो, एक क्रांतिकारी दूसरे क्रांतिकारी से मिल रहा है” और कुछ पल पढ़ने के बाद वे फांसी के लिए चले गए।
18. भगत सिंह ने किस भाषा में सर्वाधिक लेख लिखे?
Explanation: भगत सिंह ने सबसे अधिक लेख उर्दू भाषा में लिखे थे। उस समय उर्दू उत्तर भारत की सामान्य भाषा थी। उन्होंने “किर्ती” नामक पत्रिका के लिए भी उर्दू में लेख लिखे थे। उनके प्रसिद्ध लेख जैसे “मैं नास्तिक क्यों हूं” भी उर्दू में ही लिखे गए थे।
19. भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का राष्ट्रीय शहीद स्मारक कहाँ स्थित है?
Explanation: लाहौर में फांसी के बाद, ब्रिटिश अधिकारियों ने गुप्त रूप से इन तीनों शहीदों के शवों का अंतिम संस्कार सतलुज नदी के तट पर कर दिया था। यह स्थान अब भारत के पंजाब राज्य के फिरोजपुर जिले में हुसैनीवाला में स्थित है, जहाँ उनकी स्मृति में राष्ट्रीय शहीद स्मारक बनाया गया है।
20. भगत सिंह का प्रसिद्ध कथन “इंकलाब जिंदाबाद” का अर्थ क्या है?
Explanation: “इंकलाब जिंदाबाद” का अर्थ है “क्रांति जिंदाबाद”। यह नारा व्यापक सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की मांग करता है। भगत सिंह का मानना था कि केवल राजनीतिक आजादी काफी नहीं है, बल्कि समाज में समानता और न्याय लाने के लिए क्रांति जरूरी है। यह नारा आज भी प्रासंगिक है।
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इस भगत सिंह प्रश्नोत्तरी के माध्यम से हमने देखा कि कैसे एक युवा ने अपनी पूरी जिंदगी देश की आजादी के लिए समर्पित कर दी। ये दस प्रश्न न केवल आपकी सामान्य ज्ञान की तैयारी को मजबूत बनाएंगे, बल्कि भगत सिंह के महान व्यक्तित्व से भी परिचय कराएंगे।
प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए इतिहास के ऐसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है। SSC और UPSC जैसी परीक्षाओं में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित प्रश्न नियमित रूप से आते रहते हैं। इसलिए भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के जीवन और कार्यों की जानकारी रखना बेहद जरूरी है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह भगत सिंह क्विज आपकी पढ़ाई में उपयोगी साबित होगी। भगत सिंह की तरह ही आप भी अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्प रखें और मेहनत के साथ अपनी तैयारी जारी रखें। याद रखिए, सफलता उन्हीं को मिलती है जो निरंतर प्रयास करते रहते हैं।