National Bird Day Quiz in Hindi: राष्ट्रीय पक्षी दिवस हर साल 5 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन पक्षियों के संरक्षण, उनके अधिकारों और उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। इसकी शुरुआत 2002 में Avian Welfare Coalition (AWC) द्वारा की गई थी। इस दिन का उद्देश्य पक्षियों की सुंदरता और उनके पर्यावरणीय योगदान को पहचानना और उन खतरों पर ध्यान केंद्रित करना है जो उनके अस्तित्व को प्रभावित करते हैं, जैसे कि अवैध शिकार, जलवायु परिवर्तन, और आवास विनाश।
राष्ट्रीय पक्षी दिवस का इतिहास क्रिसमस बर्ड काउंट से जुड़ा हुआ है, जो अमेरिका में पक्षियों की आबादी पर डेटा एकत्र करने की एक पुरानी परंपरा है। यह दिन खासतौर पर उन पक्षियों के लिए जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है जो कैद में हैं या अवैध व्यापार का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा यह दिन पक्षियों के पारिस्थितिकी तंत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान, जैसे कि परागण, बीज फैलाव, और कीट नियंत्रण को भी उजागर करता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हमने राष्ट्रीय पक्षी दिवस से संबंधित एक रोचक क्विज (National Bird Day Quiz) साझा किया है जिसमें 20 सवाल शामिल हैं। ये सवाल न केवल आपके ज्ञान को बढ़ाएंगे बल्कि आपको पक्षियों और उनके संरक्षण से जुड़े कई रोचक तथ्यों से भी परिचित कराएंगे।
National Bird Day Quiz in Hindi – नेशनल बर्ड डे क्विज
- राष्ट्रीय पक्षी दिवस हर साल 5 जनवरी को मनाया जाता है।
- यह दिन पक्षियों के संरक्षण और उनके महत्व पर जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।
- इस दिन का चयन वार्षिक क्रिसमस बर्ड काउंट के साथ मेल खाने के कारण किया गया।
- राष्ट्रीय पक्षी दिवस की शुरुआत 2002 में हुई थी।
- यह बोर्न फ्री यूएसए और एवियन वेलफेयर कोएलिशन द्वारा शुरू किया गया था।
- इसका उद्देश्य पक्षियों के संरक्षण और कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
- मोर को 1963 में भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था।
- यह अपनी सुंदर पंखों और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
- मोर भारतीय उपमहाद्वीप का मूल निवासी है और धार्मिक कथाओं में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
- 2024 के राष्ट्रीय पक्षी दिवस की थीम “लड़ाई का अधिकार” थी।
- यह थीम पक्षियों की स्वतंत्रता और उनके अधिकारों की रक्षा पर जोर देती है।
- इसका उद्देश्य संरक्षण के लिए सक्रिय कदम उठाने हेतु प्रेरित करना था।
- डोडो एक विलुप्त प्रजाति है जो मॉरीशस द्वीप पर पाई जाती थी।
- यह मानवीय गतिविधियों और शिकार के कारण विलुप्त हो गया।
- डोडो की विलुप्ति संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता को दर्शाती है।
- कठफोड़वा को ‘जंगल का डॉक्टर’ कहा जाता है क्योंकि यह पेड़ों की छाल में छिपे कीड़ों को निकालता है।
- यह पेड़ों को कीट संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
- कठफोड़वा की चोंच और जीभ इस काम के लिए विशेष रूप से अनुकूलित होती हैं।
- उल्लू एक रात्रिचर पक्षी है, जो मुख्य रूप से रात में सक्रिय रहता है।
- इसकी आँखें कम रोशनी में देखने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित होती हैं।
- उल्लू का श्रवण भी बहुत तीक्ष्ण होता है, जो इसे अंधेरे में शिकार करने में मदद करता है।
- शाहीन (पेरिग्रिन फाल्कन) को दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला पक्षी माना जाता है।
- यह गोता लगाते समय 320 किमी प्रति घंटे तक की गति प्राप्त कर सकता है।
- इसकी शारीरिक संरचना उच्च गति की उड़ान के लिए विशेष रूप से अनुकूलित होती है।
- भारत में पक्षी गणना हर साल जनवरी-फरवरी के महीनों में की जाती है।
- यह समय प्रवासी पक्षियों के आगमन के कारण चुना गया है।
- इस गणना से पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों की संख्या और वितरण का पता चलता है।
- सलंगन, जिसे एडिबल-नेस्ट स्विफ्टलेट भी कहा जाता है, अपने घोंसले को लार से बनाता है।
- यह लार सूखने पर कठोर हो जाती है और घोंसले का आकार लेती है।
- इन घोंसलों का उपयोग चीनी व्यंजन ‘बर्ड्स नेस्ट सूप’ बनाने में किया जाता है।
- सारस क्रेन को दुनिया का सबसे लंबी गर्दन वाला उड़ने वाला पक्षी माना जाता है।
- इसकी गर्दन लगभग 1.5 मीटर तक लंबी हो सकती है।
- लंबी गर्दन इसे दलदली क्षेत्रों में भोजन खोजने में मदद करती है।
- बाज अपने मजबूत पंजों का उपयोग करके अपने शिकार को पकड़ता है।
- इसके पैरों में तेज नाखून होते हैं, जो शिकार को मजबूती से पकड़ने में मदद करते हैं।
- बाज की दृष्टि भी बहुत तीक्ष्ण होती है, जिससे यह दूर से ही शिकार को देख सकता है।
- डॉ. सलीम अली भारत के प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक थे।
- उन्होंने भारतीय पक्षियों पर कई महत्वपूर्ण शोध किए।
- उनकी पुस्तक “द बुक ऑफ इंडियन बर्ड्स” पक्षी विज्ञान में एक मील का पत्थर मानी जाती है।
- कोयल एक परजीवी प्रजनक है, जो अपने अंडे दूसरे पक्षियों, विशेषकर कौओं के घोंसलों में देती है।
- यह व्यवहार ‘घोंसला परजीवीवाद’ कहलाता है।
- कोयल के बच्चे अक्सर मेजबान पक्षी के अंडों या बच्चों को घोंसले से बाहर फेंक देते हैं।
- उल्लू की गर्दन 180 डिग्री तक घूम सकती है।
- इसकी गर्दन में 14 कशेरुक होते हैं, जबकि अधिकांश पक्षियों में केवल 7 होते हैं।
- यह क्षमता उल्लू को बिना अपना शरीर हिलाए चारों ओर देखने में मदद करती है।
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राष्ट्रीय पक्षी दिवस 2025 केवल एक सामान्य उत्सव नहीं है, यह एक ऐसा अवसर है जो हमें प्रकृति और उसके जीवंत हिस्से, यानी पक्षियों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। मानव गतिविधियों, जैसे वनों की कटाई, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन, ने कई पक्षी प्रजातियों को संकट में डाल दिया है। ऐसे में यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनके संरक्षण में अपना योगदान दें।
इस ब्लॉग में साझा किए गए क्विज (National Bird Day Quiz in Hindi) के माध्यम से हमने पक्षियों की दुनिया को करीब से जानने और उनकी अनूठी विशेषताओं को समझने की कोशिश की है। आशा है कि यह क्विज़ न केवल आपको शिक्षित करेगा बल्कि आपको प्रेरित भी करेगा कि आप प्रकृति के इस अद्भुत हिस्से की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठाएं।
आइए इस नेशनल बर्ड डे 2025 पर हम सभी मिलकर यह प्रण लें कि हम अपने पर्यावरण और उसमें रहने वाले सभी जीवों का सम्मान करेंगे और उनकी रक्षा करेंगे।